दिल के कोने में बसी वो यादें, जो न भूल पाती हैं, न छोड़ पाती हैं। आज की ये शायरी आपके लिए, जो प्यार में खोए हैं, और उस दर्द को जी रहे हैं, जो सिर्फ़ दिल ही समझ सकता है। मेरी इन पंक्तियों में छुपा है वो एहसास, जो शायद आपके दिल को भी छू जाए। आइए, डूब जाएँ इन भावनाओं में...
दर्द को तोलूँ कैसे, मैं कुछ बोलूँ कैसे... 💔तेरे हाथों की मेंहदी याद है मुझे, मेरे बिस्तर में बिखरी पड़ी।दिल को संभालूँ कैसे, तेरी आदत छुड़ाऊँ कैसे... 😔तेरे साँसों की गर्मी याद है मुझे, मेरे जिस्म पे फैली पड़ी।
इस शायरी के पीछे का एहसास:
ये पंक्तियाँ उस प्यार की कहानी बयान करती हैं, जो दूर होकर भी पास रहता है। मेंहदी और साँसों जैसे बिम्ब इस शायरी को जीवंत बनाते हैं, और वो दर्द जो हर किसी ने कभी न कभी महसूस किया होगा। क्या आप भी ऐसी यादों में खोए हैं? मुझे कमेंट्स में बताएँ, आपका दिल क्या कहता है!
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धन्यवाद पढ़ने के लिए! आपकी एक स्माइल मेरी रचना को और मजबूत बनाती है। अगली पोस्ट में मिलते हैं – तब तक, प्यार बाँटते रहें। 😊
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